Tuesday, August 2, 2011

ये अमर रसीली चूत है प्यारी



चूत के जलवे देखो यार -
इसके पीछे सब बीमार 
लोग बैठ गए हुए बेकार 
लंड के मुंह पे है धिक्कार 
फिर भी चूत बनी रंडी 
गरम-नरम से हुई ठंडी 
लंड ने घिसके छक्के छुडाये 
तव भी उससे माँ चुदवाये 
सुन सयानी तू मान भी ले 
लंड है धोखा जान ये ले 
पैसे दे के व्याह रचाए 
रात-दिन लंड से चुदवाये 
लंड निकम्मा मारे-पीटे 
बच्चे कर-कर बुड्ढा बनाये 
मेरी रानी सुन कहानी 
लंड को न दे फूटी कानी 
लात मार के इसे लतिया 
गन्दा सा ये मत बतिया 
चूत से चूत मिला कर जग में
नयी कहानी खुद ही लिखदे 
लंड की बहेन की चूत
चूत अब चूत मिलेगी
नयी रीती हे आई अब तो चूत सजेगी 
चूत ही चोदे-चूत ही चुदाये 
लंड गंडमरा धक्के खाए !!  
ये अमर रसीली चूत है प्यारी !
ये जिन्दावाद लंड केवल बेकारी !!

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